West Nile fever: ये जानलेवा बुखार मच्छर काटने से फ़ैल रहा, जानिये लक्षण और कैसे करें बचाव

West Nile fever: ये जानलेवा बुखार मच्छर काटने से फ़ैल रहा, जानिये लक्षण और कैसे करें बचाव। केरल कुछ जिलों में मिले वेस्ट नाइल बुखार के मरीज। चलिए जानें पूरी खबर।

केरल में वेस्ट नाइल बुखार

केरल राज्य में खतरनाक बुखार फैल रहा है। जिससे लोगों की जान तक चली जाती है। जी हां यह कोई सामान्य बुखार नहीं है। यह वेस्ट नाइल बुखार है, जो की क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छर द्वारा काटने पर फैलता है। जिसका अगर समय पर इलाज ना हुआ तो मरीज की जान तक चली जाती है।

दरअसल, यह एक वायरस संक्रमण है। इसके बारे में केवल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी जानकारी दी है, और लोगों को सतर्क रहने के साथ-साथ बचाव के लिए क्या करना है और इसके लक्षण क्या है यह सारी चीज बताई है। बता दे की वेस्ट नाइल बुखार केरल राज्य के त्रिशूर, कोझिकोड़ और मलप्पुरम जिले में देखने को मिल रहा है। चलिए अब जानते हैं कि इसके लक्षण क्या है और बचाव के लिए क्या करना चाहिए।

वेस्ट नाइल बुखार के लक्षण

वेस्ट नाइल बुखार की बीमारी संक्रमित मच्छर द्वारा काटने पर ही लोगों में फैल रही है। इसके लिए मरीजों का समय पर ट्रीटमेंट करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। नहीं तो इससे तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ सकती है। इसके लक्षण की बात करें तो इसमें मुख्य तौर पर सिर में दर्द होना, बुखार आना, मांसपेशियों में दर्द रहना याददास्त कमजोर होने लगना, चक्कर आना आदि समस्याएं देखी जाती है।

West Nile fever: ये जानलेवा बुखार मच्छर काटने से फ़ैल रहा, जानिये लक्षण और कैसे करें बचाव

लेकिन अभी इस वायरस का इलाज या टीका नहीं है। इसलिए शुरुआती लक्षणों में ही रोकथाम और उपचार करना होता है। इसीलिए अगर ऐसा कोई लक्षण दिखे तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। चलिए जानते हैं बचाव के लिए केवल स्वास्थ्य मंत्री ने क्या जानकारी दी है।

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वेस्ट नाइल बुखार से कैसे बचे

जैसा कि हमने बताया यह बीमारी मच्छर के काटने द्वारा फैल रही है। इसलिए आपको मच्छर से दूरी रखनी होगी। यानी कि मच्छरों से बचने के लिए ऐसे कपड़े पहनना चाहिए जिससे हमारा पूरा शरीर ढका हुआ रहे और सोते समय हम मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। ताकि हम तक मच्छर पहुंच ही ना पाए। इसके अलावा रिपेलेंट भी इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं अगर बुखार या सिर दर्द की समस्या बढ़ रही है तो डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

बता दे कि अभी तक कोझिकोड़ जो जिला है वहां बुखार के पांच मरीज मिले। जिन्हें निगरानी टीम के अंतर्गत रखा गया। जिसमें बच्चे भी थे और वह इस बीमारी से संक्रमित हुए थे। लेकिन अब वह बिल्कुल ठीक है, और इलाज करा कर अपने घर जा चुके हैं। लेकिन यह बीमारी खतरनाक भी है। इस बुखार के चलते 2019 में एक 6 साल के बच्चे की जान चली गई थी। इस लिए लापरवाही सही नहीं होगी। जिससे बच्चों के साथ बड़ों को भी बचना चाहिए। लेकिन हमें मच्छरों से वैसे भी दूरियां बरतनी चाहिए। मच्छर से कई तरह की खतरनाक बीमारियां होती हैं।

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