इन 6 जिलों से एक व्यक्ति नहीं आया वोट डालने, 10 सालों में लोकसभा चुनाव 2024 में बेहद कम वोट पड़े, जानें कारण

इन 6 जिलों से एक व्यक्ति नहीं आया वोट डालने, 10 सालों में लोकसभा चुनाव 2024 में बेहद कम वोट पड़े, जानें कारण। इस लेख में हम जानेंगे किस राज्य में कितने प्रतिशत वोट पड़े, वहीं पहले कितना वोट पड़ते थे और किन छः जिलों एक जन नहीं आये वोट डालने।

लोकसभा चुनाव 2024

लोकसभा चुनाव 2024 का पहले चरण का मतदान पूरा हुआ है। जिसमें 19 तारीख को 21 राज्य के साथ केंद्र शासित प्रदेशों सहित कुल मिलाकर 102 सीटों पर वोटिंग हुई। जिसमें कई राज्यों में बहुत कम वोटिंग हुई। वहीं नागालैंड के पूर्वी जिले जहां पर करीब चार लाख मतदाता थे उनमें से एक व्यक्ति वोट डालने नहीं आया। यानी कि मतदान केंद्र पर जिनकी ड्यूटी लगी थी वह मतदाताओं का इंतजार ही करते रह गए। वहा एक भी मतदान नहीं हुआ। चलिए जानते हैं कि अन्य राज्यों में कितने प्रतिशत की वोटिंग हुई और यह संख्या 2019 के लोकसभा चुनाव से कितनी कम है।

किस राज्य में कितने प्रतिशत हुई वोटिंग

लोकसभा चुनाव 2019 से यह लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण का मतदान बेहद कम है। जिससे चुनाव आयोग के अधिकारी भी हैरान है। क्योंकि उन्होंने वोटिंग बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए थे। जिसमें आपको बता दे की उत्तर प्रदेश में 60.25% मतदान हुआ है। इसके अलावा महाराष्ट्र में 61.87%, राजस्थान में 57.26%, मध्य प्रदेश में 67.08%, बिहार में 48.88%, असम में 75.95%, तमिलनाडु में 69.46%, त्रिपुरा में 81.62%, लक्ष्यदीप में 83.88% और पश्चिम बंगाल में करीब 80% तक वोटिंग हुई है। इस तरह कुल मिलाकर 60.03% ही वोटिंग हुई है। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 66 फ़ीसदी वोटिंग हुई थी। इस तरह आप देख सकते हैं कितनी कम वोटिंग हुई है। यानी कि धीरे-धीरे मतदान का आंकड़ा गिरता ही जा रहा है। चलिए जानते हैं इसका कारण क्या हो सकता है।

इन 6 जिलों से एक व्यक्ति नहीं आया वोट डालने, 10 सालों में लोकसभा चुनाव 2024 में बेहद कम वोट पड़े, जानें कारण

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क्यों कम हुई वोटिंग

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में मतदान कम होने के कई कारण हो सकते है। तब चलिए कुछ कारण बिंदुओं के अनुसार जानते हैं।

  • कम लोग वोट डालने गए, इसका एक बड़ा बड़ा कारण तो यह भी है कि ज्यादातर लोगों को यही था कि बीजेपी की सरकार हर बार की तरह फिर सत्ता में आएगी। क्योंकि विपक्ष में कोई मजबूत विकल्प उन्हें नहीं दिख रहा था। यानी कि एक तरह से उन्हें कोई कंपटीशन नजर नहीं आ रहा था। इस तरह लोगों में उत्साह की कमी थी। जिसके कारण बहुत सारे लोग मतदान करने नहीं गए। वोट डालने साथ ही साथ कुछ लोगों को तो नेताओं की बातें भी पसंद नहीं आई। वह हर बार बहुत सारे वादे करते हैं। लेकिन वापस से वही सब देखना और सुनना पड़ता है।
  • इसके अलावा चुनाव मतदान जिस दिन हुआ उसके आसपास शादी की लगन थी। जिसके कारण लोग अपने-अपने घरों में, रिश्तेदारों में शादी में व्यस्त है। जिसके कारण वह मतदान करने ही नहीं गए।
  • वही एक कारण यह भी दिखाई देता है कि गर्मी बहुत थी। जी हां मिली जानकारी के अनुसार कई राज्यों में तो 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच गया था। जिसके कारण लोग मतदान करने नहीं गए। साथ ही उन्हें यह ज्यादा उचित भी नहीं लगा। इसके अलावा मतदान केन्द्रो में भी गर्मी को देखते हुए उचित व्यवस्था न होने के कारण लोग मतदान करने नहीं गए।
  • कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इस बार मतदान करने के लिए लोगों को ज्यादा जागरूक नहीं किया गया। जिसके कारण बहुत सारे लोगों को यह भी नहीं पता था कि उन्हें वोट कहां पर डालना है। क्या आज वोटिंग है। ऐसी जानकारी का अभाव था। बता दे की कई ऐसे राज्य के लोग हैं जहां मतदान केंद्र गांव /शहर से दूर बनाए गए। जिसके कारण लोग वहां पहुंचे ही नहीं।

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