साल में सिर्फ 2 महीने आता है ये फल, इसकी खेती से किसानों की किस्मत हीरे की तरह चमक उठेगी होगा छप्परफाड़ मुनाफा, जाने खेती करने का तरीका।
साल में सिर्फ 2 महीने आता है ये फल
ये फल साल में सिर्फ दो महीने बाजार में देखने को मिलता है और आते ही बाजार में ये फल तहलका मचा देता है। इसकी डिमांड बाजार में बहुत ज्यादा अधिक देखने को मिलती है। ये फल सेहत के लिए बहुत ज्यादा पौष्टिक और फ़ायदेमदं साबित होता है। इसका स्वाद खाने में बहुत लाजवाब होता है जिससे लोग इसे बहुत ज्यादा बाजार से खरीदते है। आप इसकी खेती से बहुत तगड़ा मुनाफा कमा सकते है। इसकी खेती किसी खेत की जमीन में नहीं होती है। इस फल की खेती तालाब में की जाती है। हम बात कर रहे है सिंघाड़े की खेती की सिंघाड़े की खेती किसानों के लिए बहुत लाभकारी साबित होती है। तो चलिए जानते है इसकी खेती कैसे की जाती है।
कैसे करें इस फल की खेती
आप इस फल की खेती करना चाहते है तो आपको इसकी खेती से सम्बंधित कुछ बातें पता होनी चाहिए जिससे जब आप इसकी खेती करें तो आपको इस फल की खेती में कोई ज्यादा परेशानी नहीं होगी। आपको बता दें की सिंघाड़े की खेती तालाब में होती है क्योकि सिंघाड़ा एक जलीय पौधा है। सिंघाड़े की खेती के लिए सबसे पहले नर्सरी में इसके पौधे तैयार किए जाते है उसके बाद उन्हें तालाब में लगा दिया जाता है। सिंघाड़े की खेती के लिए हमेशा पानी से भरा तालाब बहुत अच्छा माना जाता है। तालाब की गहराई 3 से 4 फ़ीट होनी चाहिए और पानी के अंदर कीचड़ होना ज़रूरी होता है। इसकी खेती के लिए समय-समय पर खाद और कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए। सिंघाड़े की खेती 6 महीने में तैयार हो जाती है।
कितना होगा लाभ
अगर आप इस फल की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत जबरदस्त लाभ होगा। क्योकि सिंघाड़ा बाजार में कुछ ही महीने मिलता है जिससे ये बाजार में बहुत ज्यादा डिमांडिंग होता है और इसकी बिक्री बहुत अधिक मात्रा में होती है। सिंघाड़े की खेती से एक हेक्टेयर में लगभग 90-100 क्विंटल की पैदावार मिलती है। आप इसकी खेती से करीब 3.5 से 4 लाख रूपए की कमाई कर सकते है।
कितनी आएगी लागत
आप इस फल की खेती करते है तो आपको इसकी खेती में ज्यादा लागत नहीं आएगी। सिंघाड़े की खेती में लागत करीब 45 से 50 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर आ सकती है। क्योकि सिंघाड़े की खेती में पौधे, पानी, खाद और उर्वरक, देखभाल, मजदूरों की मजदूरी जैसी कई चीजों का खर्चा होता है।