Tax on Petroleum Products: पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर टैक्स बढ़ाने का फैसला, क्या है सरकार की नीति आइए जानते है

Tax on Petroleum Products: केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर टैक्स बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने डीजल और जेट ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स बढ़ा दिया है। इसके अलावा देश में उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री पर विंडफॉल टैक्स बढ़ाने की भी घोषणा की गई है। बता दें कि सरकार ने देश की तेल शोधन और विपणन कंपनियों को निर्यात से होने वाले भारी लाभ को देखते हुए 1 जुलाई 2022 से विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला किया था, जिसकी हर 15 दिन में समीक्षा की जाती है.

टैक्स कहां बढ़ा
घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 13,300 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। सरकार ने हवाई ईंधन के निर्यात पर उपकर को भी 2 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 9 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। डीजल के निर्यात पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क भी पहले के 6 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 12 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।

RIL, ONGC हो सकता है प्रभावित
सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर पर पड़ सकता है. क्योंकि वे पेट्रोल, डीजल और वायु ईंधन के प्रमुख निर्यातकों में शामिल हैं। वहीं रिलायंस कच्चे तेल का भी उत्पादन करती है। इस फैसले का असर ओएनजीसी, ऑयल इंडिया के शेयरों पर भी देखा जा सकता है।

विंडफॉल टैक्स क्या है
विंडफॉल टैक्स उन कंपनियों पर लगाया जाता है जो कुछ खास परिस्थितियों से लाभ उठाती हैं। दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते देश की सरकार और खासतौर पर निजी तेल रिफाइनरी कंपनियां रूस से सस्ते में कच्चा तेल आयात कर उसे रिफाइन कर विदेशों में पेट्रोल, डीजल और वायु ईंधन ऊंचे दामों पर बेच रही हैं. जिससे उन्हें भारी मुनाफा हो रहा है। वहीं, घरेलू कच्चे तेल के निर्यात से भी इन कंपनियों को फायदा हो रहा है। जिसके चलते सरकार ने इन कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगा दिया है।

ये भी पढ़े Ola Electric Showroom: अब हुआ इंतजार खत्म ओला देगी फिजिकल टच, ओला इलेक्ट्रिक छह महीने में खोलेगी 200 ऑफलाइन एक्सपीरियंस सेंटर

Electric Highway: अब बनेगे इलेक्ट्रिक हाईवे सरकार का EV इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर जोर, जानिए क्या है प्लान

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment