सुबह 2 मिनट में हो जाएंगे फ्रेश, बस डाइट में शामिल कीजिये इस आटे की रोटी को, फिटनेस बनाए रखेगा मोटा अनाज।
इस मोटे अनाज का नाम
आज जिस जड़ी की बात कर रहे है इस अनाज का नाम झारखंडी मोटा अनाज है। हाई बीपी, शुगर व डायबिटीज ये बीमारियां आज आम हो चुकी हैं. गलत खान-पान और बेतरतीब लाइफस्टाइल की वजह से ये रोग शरीर में घर बना रहे हैं ऐसे में आप झारखंडी मोटा अनाज को अगर अपनी डाइट में शामिल करें, तो यह आपके शरीर को फिट रखने में मददगार साबित हो सकते हैं. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि गेहूं के आटे के मुकाबले मोटे अनाज का आटा सेहत के लिए बहुत ही फायदेमन्द होता है।
मोटे अनाज के फायदे
मोटा अनाज मधुमेह कम करने में मदद करता है और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। Millet में प्रोटीन, खनिज और विटामिन के संदर्भ में चावल और गेहूं से तीन से पांच गुना अधिक पोषण होता है। मोटा अनाज starch का बढ़िया स्रोत है, जो इसे उच्च ऊर्जा वाला भोजन बनाता है। मोटा अनाज प्रोटीन और फाइबर का उत्कृष्ट स्रोत है।
कैसे की जाती है खेती इस अनाज की
इस अनाज की खेती की बात की जाए तो आपको बता दे इस फसल की खेती गेहू की तरह होती है जैसा की इस फसल के बीजो की जरूरत होती है जो आपको बीज भंडार से आपको मिल जायेगे। और उसके बाद खेतो को तैयार किया जाता है जैसे की खेत में आपको गोबर की खाद्य डाल कर इस फसल को तैयार किया जाता है। इस फसल की खेती दोमट मिट्टी की जाती है। इस फसल को लगाने के बाद सिचाई की जाती है। उसके बाद पानी से सिचाई की जाती है। इस फसल को उगने में करीबन 2 साल का समय लगता है।
झारखंडी मोटा अनाज की कमाई
मोटे अनाज की कीमत की बात की जाए तो आपको बता दे की मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस योजना (Jharkhand State Millet Mission Yojana) की शुरुआत की है जिसमें मोटे अनाजों की खेती करने पर किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाती इस योजना का लाभ झारखंड राज्य मिलेट मिशन योजना के अंतर्गत कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग द्वारा दिया जाएगा। इस मोटे अनाज की खेती आप एक से दो एकड़ में भी कर सकते है। जिससे आपको खासा मुनाफा देखने को मिलेगा।