देखिये कैसे किसान ने सिर्फ बैंगन की खेती से कमा लिए लाखो रूपये भारत के बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और झारखंड राज्यों में ही नहीं, अन्य राज्यों में भी किसान अब पारंपरिक फसलों के स्थान पर फल और सब्जियों की खेती में रुचि दिखा रहे हैं। इसके साथ ही खेती में नई तकनीक के उपयोग से किसानों की आमदनी भी बढ़ गई है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। हालांकि, पहले पारंपरिक फसलों की खेती करने पर किसानों को लागत के मुकाबले उतना अधिक फायदा नहीं होता था।
यह भी पढ़ें परम्परागत खेती छोड़ शुरू करिये इस फसल की खेती दिलाएगा दोगुने से भी ज्यादा मुनाफा
मौसम की वजह से फसल होती थी ख़राब
इसके साथ ही खेती करने में भी मेहनत करनी पड़ती थी। कई बार तो अधिक बारिश या सुखा पड़ने से फसल भी बर्बाद हो जाती थी। लेकिन अब बागवानी करने से किसानों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। हमारे देश के महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ जिले में रहने वाले निरंजन सरकुंडे भी ऐसे ही एक किसान हैं, जिन्होंने सब्जी की खेती से अपनी किस्मत बदली है। निरंजन सरकुंडे नांदेड़ जिले के जांभाला गांव में रहते हैं। वे एक छोटे किसान हैं और उनके पास कम जमीन है। इस कम जमीन पर उन्होंने बैंगन की खेती की है और यह खेती उन्हें अच्छा फल दे रही है। वे पिछले तीन साल से बैंगन की खेती में लगे हैं, जिससे उन्हें लगभग 3 लाख रुपये की कमाई हुई है।
बैंगन की खेती से कमाए 3 लाख रुपये
निरंजन सरकुंडे का कहना है कि उनके पास 5 एकड़ जमीन है, जिसमें उन्होंने बैंगन की खेती की है। पहले वे अपने खेत में ट्रेडिशनल फसलों की खेती करते थे, लेकिन उन्हें उतनी आमदनी नहीं होती थी। ऐसे में उन्होंने सब्जी की खेती करने का फैसला किया और डेढ़ बीघे खेत में बैंगन की रोपाई कर डाली। उन्होंने बैंगन की सब्जियों को बाजार में बेचकर अभी तक लगभग 3 लाख रुपये का मुनाफा कमा चुके हैं। हालांकि, इस खेती में किसानों को 30 हजार रुपये के खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन निरंजन ने अपने सफलता के साथ-साथ पारंपरिक फसलों की खेती करना भी बंध नहीं किया है। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने खेत की सब्जियों को लोकल मार्केट में ही बेच देते हैं।
नांदेड़ जिले के छोटे जोत के इस किसान ने अपने डेढ़ बीघे खेत में बैंगन की खेती से अच्छी कमाई कर ली है। उन्होंने सब्जी की खेती में लगाए गए प्रौद्योगिकी और नई तकनीक का सहारा लिया है, जिससे उन्हें खेती में सफलता मिली है। निरंजन की इस सफलता के बाद उनके पड़ोसी गांव ठाकरवाड़ी के किसानों ने भी सब्जी की खेती शुरू कर दी है। उन्होंने निरंजन से प्रेरणा लेकर बैंगन की खेती करने का फैसला किया और अब उन्हें भी अच्छी कमाई हो रही है। इस तरह से सब्जी की खेती के माध्यम से छोटे किसान निरंजन और उनके पड़ोसी दोनों किसानों को आर्थिक स्थिति में सुधार दिखा है।
यह भी पढ़ें किसानी से गेहूं और धान की खेती छोड़ शुरू करें इस पेड़ की खेती, दिलाएगा तिगुने से भी ज्यादा मुनाफा