Black Money: स्विट्जरलैंड के बैंकों (Swiss Bank) में काला धन रखने वाले अमीरों के खिलाफ सरकार को एक बार फिर बड़ी कामयाबी मिली है. सरकार के अनुरोध पर स्विस बैंकों ने एक बार फिर भारतीय खाताधारकों की सूची जारी की है। यह चौथी ऐसी सूची है जो भारत को मिली है। इसमें कई ट्रस्टों और कंपनियों के खाते भी शामिल हैं। सरकार ने इन खाताधारकों की सूची सार्वजनिक नहीं की है क्योंकि इससे जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
34 लाख खाताधारकों की सूची जारी
रिपोर्ट के मुताबिक स्विट्जरलैंड ने 34 लाख खाताधारकों की सूची भारत समेत 101 देशों को साझा की है. इनमें भारत के सैकड़ों लोगों के खाते भी शामिल हैं। स्विट्जरलैंड के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (Federal Tax Administration) ने कहा कि भारत उन चंद देशों में शामिल है, जिन्हें लगातार चौथे साल खाताधारकों की सूची भेजी गई है।
27 देशों को विवरण नहीं भेजा गया
Swiss Bank ने 101 देशों के नाम और अन्य जानकारी का खुलासा नहीं किया है। लेकिन बैंक अधिकारियों का कहना है कि यह सूचना प्राप्त करने वाले देशों की सूची में भारत का नाम शामिल है। रूस समेत 27 देशों को उनके खाताधारकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इसका कारण बताया गया है कि उन देशों से कुछ डेटा मांगा गया था लेकिन कई बार याद दिलाने के बाद भी उन्होंने वो दस्तावेज नहीं दिए, जिसके कारण उन्हें वह विवरण नहीं दिया जा सका.
2019 में भारत को मिली पहली जानकारी
भारत को इस तरह की पहली सूची सितंबर 2019 में स्विस बैंकों से मिली थी। इसके लिए उन्होंने अन्य देशों के साथ मिलकर स्विस सरकार पर दबाव बनाया। जिसके बाद स्विस सरकार ने हर साल अलग-अलग देशों में खाताधारकों की सूची स्वचालित रूप से भेजने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक Swiss Bank से इस तरह की जानकारी मिलने से लोगों के विदेश में काला धन जमा करने की जानकारी मिलती है. साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि उन्होंने स्विस बैंकों में कितना पैसा और ज्वैलरी रखी है।
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