Petrol Pump वाले बना रहे मूर्ख, 0 दिखाकर ग्राहकों लूट रहे, इन 3 बातों को बाँध लें गाँठ लुटने से बच जाएंगे। आज हम जानेंगे कि पेट्रोल पंप में पेट्रोल-डीजल भराते समय किन-किन बातों का ध्यान रखे।
Petrol Pump वाले बना रहे मूर्ख
कई पेट्रोल पंपों में होने वाली धोखाधड़ी के बारे में खबरें सुनने और देखने को मिलती रहती है। जिसमें कहीं कम पेट्रोल देकर ज्यादा पैसा लिया जा रहा है, तो कहीं खराब पेट्रोल, डीजल देकर बराबर पैसा लिया जा रहा है। जिससे गाड़ी को नुकसान होता है। इसके अलावा अगर हमें पता भी चल जाता है कि पेट्रोल पंप वाला हमें मूर्ख बना रहा है लेकिन हम उसके खिलाफ कुछ नहीं कर पाते। इसीलिए आज हम जानेंगे कि हम इन तीन समस्याओं से कैसे छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। जिससे हमें पेट्रोल पंप वाला चुना न लगा सके और हमारी गाड़ी को भी कोई नुकसान ना हो।
तेल भराते समय इन 3 बातों का रखे ध्यान
नीचे लिखे तीन बिंदुओं के अनुसार जाने पेट्रोल पंप में होने वाली धोखाधड़ी से कैसे बचे।
- उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा ग्राहकों के लिए कई तरह की एडवाइजरी जारी की जाती है। जिसमें मिली जानकारी के अनुसार बता दे कि अगर पेट्रोल पंप में मिलावटी वाला तेल मिल रहा है, तो उसे खरीदने से बचने के लिए पेट्रोल की डेंसिटी के बारे में जानकारी रखे। जिसमें पेट्रोल की डेंसिटी अगर 730 से 780 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और डीजल की डेंसिटी 830 से 900 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है तो यह सही तेल है। क्योंकि यह मानक सरकार द्वारा निर्धारित किए गए हैं। लेकिन अगर इन मानकों में भिन्नता है तो हो सकता है कि इसमें मिलावट की गई हो।
- साथ ही अब पेट्रोल पंप में यह भी देख सकते हैं कि वह पेट्रोल पंप वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट वाला है या नहीं ,अगर उसे यह सर्टिफिकेट मिला होता है तो वहां पर कोई किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं होती है, और मशीन भी सही तरीके से काम करती है। साथ ही तेल भी सही मात्रा में दिया जाता है।
- वही जब तेल भरवाते हैं तो फ्यूल डिस्पेंसर मशीन की रीडिंग भी चेक कर लीजिए कि शुरू होने से पहले उसमें जीरो लिखा है या नहीं। अगर जीरो से शुरुआत होगी तभी आपको सही मात्रा में तेल मिलेगा और उतने का ही आप पैसा देंगे।
इस तरह आप इन तीन बातों का ध्यान रखकर सही पेट्रोल पंप में, सही गुणवत्ता और सही मात्रा में तेल भरवा सकते हैं। लेकिन अगर आपको किसी तरह की संका होती है या आपको लगता है कि यहां धोखाधड़ी हो रही है तो आप नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर या फिर मेट्रोलॉजी ऑफिस में इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा 1915 हेल्पलाइन नंबर भी मिलता है, जहां पर शिकायत दर्ज करके आप अपना हक ले सकते हैं।
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