Mutual Fund Tips: भारत में शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। लोग कम जोखिम में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं। ऐसे में निवेशक शेयरों के अलावा निवेश के अन्य विकल्प भी तलाशते हैं, जिनमें जोखिम बहुत कम हो, लेकिन मुनाफा ज्यादा हो। ऐसे लोगों के लिए म्यूच्यूअल फण्ड एक बेहतर विकल्प है। अगर आप भी इस तरह के निवेश की तलाश में हैं तो आज हम आपको ऐसी तरकीब बताएंगे जिसके जरिए आप जोरदार मुनाफा कमा सकते हैं।
बीटा फॉर्म्युला(Beta) म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय इसके बीटा (Beta) पर जरूर ध्यान दें। मान लीजिए कि दो फंडों ने 12% पर समान रिटर्न दिया है, तो दोनों ने समान जोखिम लिया है। जवाब न है। अब अगर आप जानना चाहते हैं कि किसने किस लेवल का रिस्क लिया है तो उसके लिए आपको बीटा चेक करना होगा। यदि बीटा 1 से अधिक है तो फंड अस्थिर है और इसने बहुत अधिक जोखिम उठाया है। जबकि अगर बीटा 1 से कम है तो जोखिम कम है। अगर फंड 1 का बीटा 1.4 है और फंड बी का बीटा 0.7 है, तो फंड बी बेहतर है क्योंकि इसने आपको कम जोखिम के साथ बाजार में अधिक रिटर्न दिया है।
अल्फा क्या है (Alpha)
Alpha किसी फंड की पर्फोमन्स को दिखाता है. म्यूच्युअल फंड में अल्फा सिम्पली ये दर्शाता है की फंड ने बेंचमार्क इंडेक्स से कितना ज्यादा या कम रिटर्न दिया है. इसको एक उदाहरण से समझते हैं. मान लें कि आपने किसी फंड में इंवेस्ट किया है और उस फंड का बेंचमार्क है 20% और उस फंड ने 25% रिटर्न दिया है तो इसका मतलब इसका अल्फा यानी पर्फोमन्स 5% ज्यादा है. इसका मतबल ये भी है की आपके फंड मैनेजर ने आपके फंड को अच्छी तरह मेनेज किया है. क्योंकि बेंचमार्क से अधिक रिटर्न मिला है.
किस प्रकार जांच करें
अब सवाल यह उठता है कि इस ट्रिक को कैसे आजमाया जाए यानी आप अपने पोर्टफोलियो में किसी म्यूचुअल फंड का बीटा और अल्फा कैसे चेक करते हैं। ऐसा करने के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा।
सबसे पहले किसी भी म्यूचुअल फंड में जाएं और उस पर क्लिक करें।
अब आपको होल्डिंग का ऑप्शन दिखाई देगा। आपको उस पर क्लिक करना है।
इसके बाद आपको Holding Analysis पर क्लिक करना है। जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे तो इसका बीटा और अल्फाआपके सामने आ जाएगा। आप इसे देखकर आगे का फैसला कर सकते हैं।
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