MBA Chaiwala: काबिलियत के दम पर दुनियां को ये बताया की कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता, आइए जानते है MBA चाय वाला से करोड़पति बनने का सफर

MBA Chaiwala : एक ऐसे चायवाले के बारे में जिसने अपनी काबिलियत के दम पर दुनियां को ये बताया की कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता, बस इंसान की सोच बड़ी होनी चाहिए। हम बात कर रहे है, MBA Chai Wala Franchise Business के संस्थापक Prafull Billore की, जो अपने फेमस नाम MBA Chaiwala के नाम से आज हर जगह लोकप्रिय है। MBA चायवाला यानि प्रफुल्ल आज हर नौजवान के लिए प्रेरणा बन रहे है। जो अपने लाइफ में बहुत कुछ करना चाहते है, पर उनके हौसले प्रफुल्ल जितने बुलंद नहीं।

पहले दिन प्रफुल्ल बिलौरे की एक भी चाय नहीं बिकी, तो उसने सोचा कि अगर कोई मेरे साथ चाय पीने नहीं आ रहा है, तो क्यों न खुद उसके पास जाकर मेरी चाय पेश कर दी। प्रफुल्ल पढ़े-लिखे हैं, अच्छी अंग्रेजी बोलते हैं, उनकी चाल काम कर गई और सभी ने कहा कि चाय वाला भी अंग्रेजी बोलता है, और चाय की दुकान शुरू हो गई। दूसरे दिन 6 चाय बेची लेकिन 30 रुपये की दर से 150 रुपये कमाए।

प्रफुल्ल सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक काम करता था और शाम 7 बजे से 11 बजे तक चाय की दुकान लगाता था। काम अच्छा चलने लगा, 600 कभी 4000 तो कभी 5000 तक की बिक्री शुरू हुई और उसने नौकरी छोड़ दी और अपना पूरा ध्यान अपनी चाय पर केंद्रित कर दिया।

चाय का काम अच्छा चलने लगा, नेटवर्क अच्छा हो गया तो प्रफुल्ल ने सोचा कि क्यों न अब दुकान का अच्छा नाम रखा जाए, जिससे बेहतर मार्केटिंग हो सके। करीब 400 नामों को चुनने के बाद एक नाम फाइनल हुआ, जो था ‘मिस्टर बिलोर अहमदाबाद’ शॉर्ट नेम ‘एमबीए चाय वाला’। शुरू में लोग उन पर खूब हंसते थे, मजाक करते थे लेकिन धीरे-धीरे लोगों को प्रफुल्ल का आइडिया पसंद आने लगा।

‘MBA चाय वाला’ धीरे-धीरे मशहूर हो गया। अब ‘MBA चाय वाला’ स्थानीय कार्यक्रमों, संगीतमय रातों, पुस्तक विनिमय कार्यक्रमों, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक कारणों, रक्तदान जैसे हर जगह दिखाई दे रहा है। प्रफुल्ल ने वैलेंटाइन डे पर ‘सिंगल्स के लिए फ्री टी’ दी थी, जो वायरल हुई और वहीं से और भी पॉपुलर हो गई। अब उन्हें और भी बड़े ऑर्डर मिलने लगे।

आज ‘MBA चाय वाला’ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन करते है। प्रफुल्ल ने 300 वर्ग फुट में अपना कैफे खोला और पूरे भारत में फ्रेंचाइजी दी। एक समय प्रफुल्ल बिलोर का सपना था कि एमबीए संस्थानों में पढ़ाई की जाए। आज वही संस्थान प्रफुल्ल को मैनेजमेंट गुरु के रूप में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित करता है। महज 25 साल की उम्र में उनकी नेटवर्थ 3 से 4 करोड़ सालाना है। आज देश के कई शहरों में MBA चाय वाला के नाम से आउटलेट हैं।

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