आज शरद पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण… मंत्रो की सिद्धि के लिए है सबसे उत्तम, जानिए क्या है खीर का भोग लगाने का सही समय

आज शरद पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण... मंत्रो की सिद्धि के लिए है सबसे उत्तम, जानिए क्या है खीर का भोग लगाने का सही समय

आज शरद पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण… मंत्रो की सिद्धि के लिए है सबसे उत्तम, जानिए क्या है खीर का भोग लगाने का सही समय आज शरद पूर्णिमा का दिन है जहाँ लोग तरह-तरह की खीर का भोग चन्द्रमा की रोशनी में रखते है वहीँ आज चाँद पर ग्रहण लगने के कारण चाँद की रोशनी दिखाई ही नहीं देगी। लेकिन माना जा रहा है की इस बार का चंद्रग्रहण मंत्रो की सिद्धि के लिए सबसे ज्यादा उत्तम है। लेकिन इस बार की शरद पूर्णिमा पर लोग अमृतरूपी खीर का सेवन नहीं कर पाएंगे हालाँकि चंद्रग्रहण 28 -29 अक्टूबर की मध्यरात्रि को 1:05 बजे पर शुरू होगा और इसका सूतक काल 28 अक्टूबर की को शाम को 4:05 बजे पर लागू होगा। जिस कारण आप इस सूतक काल में किसी भी तरह का सामान नहीं बना सकते हैं।

आज शरद पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण… मंत्रो की सिद्धि के लिए है सबसे उत्तम, जानिए क्या है खीर का भोग लगाने का सही समय

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मंत्रो की सिद्धि के लिए उत्तम है उत्तम माना जा रहा है ग्रहण

वैसे तो कोई भी पूजा पथ ग्रहणकाल में नहीं किये जाते हैं लेकिन इस बार का चंद्रग्रहण कुछ ख़ास होने वाला है जिसका समय बहुत ही अच्छा माना जा रहा है जिस कारण ये काल मंत्रों की सिद्धि के लिए सबसे अच्छा होने वाला है। ग्रहण के दौरान मंत्र 3 तरह से सिद्ध होते हैं। जब ग्रहण की प्रारंभ से ग्रहण की समाप्ति तक मंत्र का जाप किया जाता है, या जब संक्रांति के दिन भी मंत्र का जाप किया जाए, या फिर मंत्र में जितने भी अक्षर हैं, उतने लाख बार मंत्र का जाप किया जाए, इस तरह से यदि मंत्र सिद्ध किये जाएँ तो वह जरूर सफलता तक ले जाते हैं।

आज शरद पूर्णिमा पर लगेगा चंद्रग्रहण… मंत्रो की सिद्धि के लिए है सबसे उत्तम, जानिए क्या है खीर का भोग लगाने का सही समय

जानिए क्या है भोग लगाने का सबसे अच्छा समय

राज्याचार्य पंडित प्रकाश चंद जती के अनुसार इस बार चंद्र ग्रहण और शरद पूर्णिमा का त्योहार एक साथ ही पड़ रहा है जिस कारण रात में खीर का भोग लगाने के लिए सबसे उत्तम समय 29 अक्टूबर की अमृतवेला में सुबह 3:00 से 6:00 सूर्योदय से पहले होगा। यदि आप भी भोग लगाना चाहते हैं तो आप इस समय तक भोग लगा सकते हैं क्योंकि सूतक काल के बाद किसी भी तरह का भोग भगवान को अर्पित नहीं किया जायेगा।

सूतक काल में क्या रखें सावधानियां

जब से सूतक प्रारम्भ होता है तब से माना जाता है की भगवान कष्ट में ही रहते हैं इस कारण भगवान के पट लगाकर रखें। किसी भी तरह के खाने के सामन में तुलसी के पत्ते अवश्य डालें वरना खाना अशुद्ध हो जाता है और इस काल में भोजन करना भी शुभ नहीं माना जाता है इसलिए आपको कोशिश करना है की खाना आप सूतक काल से पहले ही खा लें। और यदि आपके घर में कोई गर्भवती है तो उसे भी सूतक काल से ग्रहण खत्म होने तक बाहर ना निकलने दें।

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