गेंहू-धान को छोड़ करें इस औषधीय पेड़ की खेती, छाल और पत्तियों से लेकर बिकता है पौधे का हर भाग सेहत में सुधार के साथ दिलाएगा करोड़ों का फायदा आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे विशेष पेड़ के बारे में जिसकी उपयोगिता जान आप भी हैरत में पड़ जायेंगे। इस पेड़ के औषधीय गुणों का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। इसके फायदे भी काफी ज्यादा हैं इस पेड़ की छाल से काढ़ा बनाने का अंशिक उपयोग बुखार और अन्य बिमारियों के इलाज में होता है। यह पेड़ बैड कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में भी सहायक होता है, जिससे दिल स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इस पेड़ की लकड़ी भी फर्नीचर बनाने के लिए उपयोगी होती है जिससे काफी मजबूत फर्नीचर बनाने में किया जाता है।
कैसे होती है इसकी खेती
अर्जुन के पेड़ को उगाने के लिए सबसे पहले इसके बीजों को 4-5 दिन तक पानी में डुबाकर रखना आवश्यक होता है। ताकि वे अच्छे से भीग जाएँ। इन बीजों का अंकुरण 9 से 10 दिन में होता है। इसके बाद अंकुरित बीजों को खेत में ले जाकर बुआई कर दी जाती है। यह पेड़ ग्रीष्म ऋतु में बेहतरीन रूप से विकसित होता है जब तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक होता है। इसके लिए बलुई दोमट और जलोढ़-कछारी मिट्टी का उपयोग बेहतर माना जाता है। इस पेड़ को धुप की काफी आवश्यकता होती है इसलिए इसे धुप वाले स्थान पर उगाना अच्छा माना जाता है।
जानिए कैसे होगा करोड़ों का मुनाफा
यह पेड़ 14 से 15 साल के अंदर तैयार हो जाता है। इसकी छाल से लेकर पत्तियां तक सभी काम में आता है इसकी छल बहुत फायदेमंद होती है जो बाजार में हजारों रुपये प्रति किलो में बिकती है। इससे बने फर्नीचर की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है। यदि आप एक एकड़ में अर्जुन के पेड़ लगाते हैं तो इससे आप लंबी अवधि में लाखों-करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं। क्योंकि इससे लोगों को बहुत फायदा होता है जिस कारण इसकी डिमांड लोग हमेशा ही करते हैं।