परम्परागत खेती छोड़ शुरू करिये इस पौधे की खेती, कराएगा लाखो का मुनाफा, देखिये पूरा बिज़नेस आईडिया

परम्परागत खेती छोड़ शुरू करिये इस पौधे की खेती, कराएगा लाखो का मुनाफा, देखिये पूरा बिज़नेस आईडिया भारत में अनार से किसान हर साल अच्छी आमदनी कमाने के लिए बगीचे लगा रहे हैं। फलों की खेती में किसानों को दिलचस्पी है, क्योंकि यह एक वन टाइम फॉर्मुला है। इसमें कुछ ऐसे फलों के पौधे होते हैं, जिन्हें एक बार तैयार करने पर कई सालों तक किसानों को फायदा पहुंचता है। इन फलों में अनार भी शामिल है, जिसकी खेती करके किसान महज सालभर में लाखों रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं।

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हमारे देश में अनार की बागवानी महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में खूब होती है। अनार की खेती के लिए सबसे जरूरी है पौधे लगाने का सही तरीका और जानकारी। तो आइये जानते हैं अनार की खेती और इसकी कुछ खास किस्मों के बारे में।
कब फल लगते हैं अनार में
अनार का फल सेहत के लिए काफी लाभदायक होता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन, एंटी-ऑक्सीडेंट और खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। अनार के फल का सेवन खून की कमी, कब्ज, त्वचा की चमक लाने और स्फूर्ति प्राप्त करने में मदद करता है। इसके छिलकों से भी आयुर्वेदिक औषधियाँ तैयार की जाती हैं।
अनार की खेती करने के लिए लागत बहुत ज्यादा नहीं होती, क्योंकि एक बार बाग तैयार करने के बाद कुछ सालों तक लागत नहीं आती। तैयार किए बाग में 3 साल बाद ही फल लगना शुरू होता है और एक पेड़ से 60 से 80 फलों की खेप पहली उपज से मिल जाती है। विशेषज्ञों ने देखा है कि जैविक खाद और उर्वरकों का इस्तेमाल करने से हर साल लागत में 20% तक की बचत हो सकती है और जैविक विधि से अनार के बाग लगाने पर कीटनाशक का खर्च भी कम होता है। अनार बागों को खेती में पैसा छापने की मशीन कहा जाता है।

कम लागत में होगा ज्यादा मुनाफा
अनार का पौधा कम पानी वाले क्षेत्र में भी बड़ी आसानी से उगाया जा सकता है। किसान कम लागत में भी अनार की खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
अनार की उन्नत किस्में भी मौजूद हैं। अरक्ता एक ऐसी प्रजाति है जो भरपूर उपज देती है। इसके फल बड़े और मीठे होते हैं और इसके दाने भी बहुत आकर्षक होते हैं। भगवा प्रजाति के फल बड़े, चिकने और केसरिया रंग के होते हैं और इनके दाने खूब रसदार, मुलायम और मीठे होते हैं। गणेश नामक एक और प्रजाति के फल मीडियम आकार के होते हैं और इनके बीज हल्के-गुलाबी रंग के होते हैं।
ऐसे तैयार करें अपनी बागवानी
अनार की बागवानी के लिए भी खेत की तैयारी आवश्यक होती है। बगीचे के लिए समान्य रोपण के लिए पौधे को 5×5 या 5×6 मीटर की दूरी पर लगाया जा सकता है। जबकि सघन विधि से रोपण के लिए पौधे को 5×3 या 5×2 या 4.5 x 3 मीटर की दूरी पर लगाया जा सकता है। एक हेक्टेयर में तथा वर्ष में 1000 से 750 पौधे लगाए जा सकते हैं।
अनार की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी की भी जांच करनी चाहिए। रेतीली जगहों वाली दोमट मिट्टी या हल्की मिट्टी में गुणतायुक्त फल प्राप्त किया जा सकता है। अनार की खेती के लिए 6.5 से 7.5 पीएच मान वाली क्षारीय मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
अनार की खेती एक लाभदायक व्यवसायिक विकल्प है, जिससे किसान अच्छी मुनाफा कमा सकते हैं। इसके लिए कम सिंचाई की जरूरत होती है और कम लागत में भी खेती संभव होती है। इसलिए अनार की खेती को ध्यान में रखते हुए किसान इस व्यवसाय को अपनाएं और अधिक आमदनी कमाएं।
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