Kamika Ekadashi 2024 : कामिका एकादशी पर भूलकर भी ना चढ़ाये तुलसी में जल, नहीं तो पुण्य की जगह मिल जायेगा पाप, जानिए क्यों नहीं चढ़ाते जल

Kamika Ekadashi 2024 : कामिका एकादशी पर भूलकर भी ना चढ़ाये तुलसी में जल, नहीं तो पुण्य की जगह मिल जायेगा पाप, जानिए क्यों नहीं चढ़ाते जल

सनातन धर्म में तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है उसमे जल अर्पित किया जाता है और एकादशी के दिन तुलसी माता का बहुत ज्यादा महत्व होता है। इस साल कामिका एकादशी व्रत बुधवार 31 जुलाई को है। कहते है की मनोकामना पूर्ति के लिए इस दिन पुरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। जो व्यक्ति कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है उसे पुण्य की प्रप्ति होती है। एकादशी व्रत बहुत महत्वपूर्ण व्रत होता है।

Kamika Ekadashi 2024 : कामिका एकादशी पर भूलकर भी ना चढ़ाये तुलसी में जल, नहीं तो पुण्य की जगह मिल जायेगा पाप, जानिए क्यों नहीं चढ़ाते जल

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कामिका एकादशी

कामिका एकादशी का व्रत करने से एक हजार गौ दान के समान पुण्य प्राप्त होता है हर महीने में 2 एकादशी आती है लेकिन जुलाई के महीने में 3 एकादशी के व्रत है कामिका एकादशी 30 जुलाई को शाम 4 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और 31 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी लेकिन कामिका एकादशी का व्रत सूर्य उदय तिथि 31 जुलाई बुधवार को ही रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरुप की पूजा की जाती है एकादशी के दिन भगवान खाटू शयाम की भी पूजा आराधना की जाती है।

एकादशी के दिन क्यों नहीं चढ़ाए तुलसी में जल

एकादशी का सबसे बड़ा व्रत माता तुलसी करती है और एकादशी के दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती है जिस कारण से एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी के पौधे में जल नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए लेकिन तुलसी के पौधे की पूजा पुरे विधि विधान से करनी चाहिए। ऐसा करने से पुण्य मिलता है।

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