Electric Highway: अब बनेगे इलेक्ट्रिक हाईवे सरकार का EV इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर जोर, जानिए क्या है प्लान

Electric Highway: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, कई वाहन निर्माता इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री में बड़ा पैसा लगा रहे हैं। कंपनियां भारत को सबसे बड़े इलेक्ट्रिक वाहन बाजार के रूप में देख रही हैं। सरकार पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के इरादे से इलेक्ट्रिक वाहनों को भी बढ़ावा दे रही है। सड़क और परिवहन मंत्रालय ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए सौर ऊर्जा से चलने वाले इलेक्ट्रिक हाईवे विकसित करना शुरू कर दिया है।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रहे हैं। 12 सितंबर को सड़क परिवहन और राजमार्ग परियोजनाओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और कारों के लिए सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन बाजार बन रहा है। इसे देखते हुए मंत्रालय फास्ट चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर काम कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की आवाजाही के लिए सौर और पवन ऊर्जा आधारित चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती से बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि हम सौर ऊर्जा से चलने वाले इलेक्ट्रिक हाईवे के विकास पर भी काम कर रहे हैं। इससे यात्रा के दौरान भारी शुल्क वाले ट्रकों और बसों को चार्ज करने में आसानी होगी।

पिछले महीने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि देश में 13 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन चल रहे हैं. धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। पर्यावरण स्वच्छता को कम करने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है। पेट्रोल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से आम जनता के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग भी बढ़ गई है। देश में टाटा, महिंद्रा, हुंडई, ओला, एथर एनर्जी, सार ग्रुप, मुरुगप्पा ग्रुप समेत कई वाहन निर्माता टू व्हीलर, फोर व्हीलर, थ्री व्हीलर सेगमेंट में कार, रिक्शा, ऑटो, बस और ट्रक बना रहे हैं।

एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) और इंटरनेशनल काउंसिल फॉर क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (आईसीसीटी) के विशेषज्ञों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में सबसे तेज होने के लिए दिल्ली और महाराष्ट्र की सराहना की है। दिल्ली सरकार 2024 तक 18,000 इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाने जा रही है। जबकि, 191 से अधिक जगहों पर अभी इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट चल रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में करीब 184 चार्जिंग स्टेशन चल रहे हैं।

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