धरती का बदलता रूप 1 दिन होगा 24 से 25 घंटों का, लगातार बढ़ रही समयसीमा, वैज्ञानिकों कहना की धरती संकट में …
आप सभी को पता आएगा धरती पर 24 घंटे ही होते हैं और आज तक बरसों सालों से 24 घंटे का ही समय चला आ रहा है। पर अभी इतनी परेशानियों में धरती को देखते हुए साइंटिस्टों का कहना है कि अब धरती का दिन बहुत जल्द बढ़ने वाला है। आज इतने सालो में ऐसा कभी नहीं हुआ है। चलिए जानते है क्या होने वाला है।
लाइव साइंस
धरती के बदलते रूप को देख वैज्ञानिक भी हो गए है हैरान। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक हर 24 घंटे में एक बार पृथ्वी अपनी धुरी पर एक चक्कर पूरा करती है, जो एक दिन को दिखाता है। धरती के धुरी पर घूमने की अवधि यानी एक दिन के हिसाब से ही इंसान अपने कामकाज और सोने के घंटे तय करता है। यानी एक तरह से धरती के घूमने का ये समय इंसान को एक संतुलित जिंदगी देता है हमेशा से दिन इसी तरह 24 घंटे का नहीं था। एमआईटी में भौतिकी की सहायक प्रोफेसर सारा मिलहोलैंड का कहना है कि बहुत समय पहले पृथ्वी का दिन बहुत छोटा था। छोटे होने कारण लोग छोटे समय में लोग मैनेज करते है।
आजकल जैसा की अपने देखा होगा की धरती पर पेड़ो की कमी के कारण कई तरह की परेशानी देखने को मिले रही है और ऐसे में एक साइंटिस्ट है जिनका कहना है कि धरती का एक दिन 24 घंटे से भी अधिक बड़ा हो जाएगा। ग्रह के पिघले हुए कोर, महासागरों या वायुमंडल में सूक्ष्म परिवर्तनों के परिणामस्वरूप कुछ मिलीसेकेंड बढ़ गए हैं। मिलहोलैंड ने कहा कि धरती का घूमना वास्तव में इसके ग्रह की उत्पत्ति की कहानी का प्रमाण है। कोई ग्रह कितनी तेजी से घूमता है यह इस बात से निर्धारित होता है कि इसका निर्माण कैसे हुआ जब प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क में सूर्य की परिक्रमा करने वाली धूल चट्टानें और गैस अंतरिक्ष में एक साथ आए।
पृथ्वी के दिन का समय अभी भी बदल रहा?
अक्सर हम सभी को पृथ्वी के दिनों की लंबाई समान लगती है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार कहा गया है कि यह वास्तव नहीं है। यह अभी भी बदल रहा है। दिन लगातार लंबे हो जाएंगे। लेकिन बहुत धीरे-धीरे इनमें कई परिवर्तन होंगे। शायद एक शताब्दी में दिन का समय 1.7 मिली सेकंड पड़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यह भी बताया गया है कि पृथ्वी की स्पीड दर में परिवर्तन बहुत ही धीरे-धीरे हो रहा है ताकि विकास वटी प्रक्रियाएं समय के साथ अच्छे से इनमें परिवर्तन हो सके और वह अनुकूल बन सके। समय के साथ चंद्रमा धीरे-धीरे पृथ्वी से दूर होता चला रहा है। दर्शन यह प्रक्रिया बहुत ही धीमी प्रक्रिया हो रही है और पृथ्वी पर दिन को 25 से 26 घंटे तक पहुंचने में 200 मिलियन वर्ष यहां 500 मिलियन वर्ष का भी समय लग सकता है।