Debit Card Update: केंद्रीय बैंक आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के दिशानिर्देशों के बाद, डेबिट-क्रेडिट कार्ड के नियम बदलने जा रहे हैं। नए बदलाव नए महीने की पहली तारीख यानी 1 अक्टूबर से लागू होंगे। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, सभी के लिए नए नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। दरअसल, 1 अक्टूबर से ऑनलाइन पेमेंट के लिए डेबिट-क्रेडिट कार्ड पर टोकनाइजेशन का नियम लागू हो जाएगा। इस नियम के तहत एक ही टोकन नंबर से सभी ग्राहकों के कार्ड विवरण सुरक्षित करना संभव होगा।
कैसे काम करेगा डेबिट-क्रेडिट कार्ड का नया नियम
दरअसल, नए नियम के तहत सेलर, पेमेंट एग्रीगेटर और पेमेंट गेटवे अब ऑनलाइन खरीदारी के समय ग्राहक कार्ड की जानकारी स्टोर नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं पुराने स्टोर किए गए डेटा को हटाने के लिए भी नए नियम (कार्ड टोकनाइजेशन) के तहत काम करना होगा। इसके लिए हर ग्राहक के लिए एक नया और यूनिक टोकन नंबर होगा, जिसका इस्तेमाल किया जाएगा। व्यापारी ग्राहक के कार्ड के विवरण को टोकन नंबर के रूप में अपने पास रखेगा ताकि भविष्य में ग्राहक द्वारा बार-बार खरीदारी करने पर कार्ड के विवरण तक पहुंचा जा सके। अब तक किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खरीदारी करते समय कार्ड की डिटेल सीवीवी को छोड़कर मर्चेंट के पास स्टोर रहती थी, हालांकि ग्राहक की यह वित्तीय जानकारी लीक नहीं हुई थी लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह उचित नहीं था। इसलिए आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने नए नियम के तहत ग्राहकों की बैंकिंग जानकारी को सुरक्षा प्रदान की है।
ओटीपी के माध्यम से टोकन नंबर जनरेट किया जा सकता है
नया नियम लागू होने के बाद कार्ड का 16 अंकों का नंबर शेयर करने की जरूरत नहीं होगी। पेमेंट करते समय ‘आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) गाइडलाइन्स ऑन टोकनाइज योर कार्ड एज’ विकल्प पर जाएं। जहां ग्राहक के पंजीकृत नंबर पर ओटीपी प्राप्त होगा। ओटीपी शेयर करने पर एक टोकन नंबर जेनरेट होगा। जिसका उपयोग कार्ड की जानकारी साझा करने के बजाय किया जाएगा। आगे की खरीदारी के लिए टोकन नंबर ही प्लेटफॉर्म पर सेव हो जाएगा।
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