गुड़हल के पौधे में केमिकल वाली नहीं फ्री वाली देसी खाद डालें, ढ़ेर सारे फूल के साथ पौधा होगा हरा-भरा और घना। आज हम जानेंगे कि गुड़हल के पौधे के लिए देसी खाद कैसे बनाएं।
गुड़हल के फूल
गुड़हल का पौधा ज्यादातर घरों में देखने को मिलता है। यह पौधा अच्छे-खासे मात्रा में सुंदर फूल देता है। गुड़हल के कई रंग के फूल देखने को मिल जाएंगे। इसीलिए बहुत सारे लोग गुड़हल का फूल अपने घर में लगाते हैं। लेकिन अगर किसी कारण से गुड़हल का पौधा अच्छे फूल नहीं दे रहा है या सूख रहा है तो उसके लिए आप देसी खाद बना सकते हैं। जी हां आपको केमिकल वाली खाद डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। घर पर भी खुद देसी खाद बना सकते हैं, जो की फ्री में भी बन जाती हैं। तब चलिए कुछ बाजार की, कुछ घर की और कुछ फ्री में मिलने वाली देसी खाद के बारे में जानते हैं।

गुड़हल के पौधे के लिए ये है बिना केमिकल की खाद
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जाने चार तरह की खाद।
गोबर की खाद- यह बाजार में मिल तो जायेगी लेकिन अगर घर में पशु है तो उनसे या फिर अन्य जगहों से फ्री में भी मिल सकता है। जिसके लिए सालों पुराना कांड इकट्ठा करके उससे आसानी से खाद बना सकते हैं। यह खाद बहुत अच्छी होती है। इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटैशियम अच्छी-खासी मात्रा में पाया जाता है। जो गुड़हल के पौधे के लिए अच्छा होता है।
केले के छिलके की खाद- जी हां केला खाते हैं और इसका छिलका फेंकने के बजाय इसे सुखाकर इसकी खाद बना सकते हैं। केले के छिलके की खाद लोग पानी के बोतल में भी रखकर बना लेते हैं। इस तरह यह भी पोटैशियम से भरी हुई खाद होती है। जो गुड़हल के पौधे के लिए अच्छी होती है।
नीम की खली की खाद– यह खाद भी उपजाऊ होती है, जो पौधों को कीटों से बचाती है। यह एक तरह का प्राकृतिक कीटनाशक है। जिससे पौधे में कीट नहीं लगेंगे। क्योंकि गुड़हल के पौधों में कई तरह के कीट लग जाते हैं जिससे नीम की खली उन्हें बचा सकती है। नीम की खली के साथ नीम का तेल भी मिल जाता है, इसमें नाइट्रोजन भी होता है। यह खाद नीम के बीजों से बनाई जाती है।
लकड़ी की राख से बनी खाद- यह भी पौधों के लिए अच्छी होती है। यह एक तरह का प्राकृतिक उर्वरक है। इसमें पोटैशियम के साथ कैल्शियम भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है, और इससे मिट्टी छारीय नहीं होती है। इस तरह अगर घर में लकड़ी जलाते हैं तो उसका उसकी राख पौधों में डाल सकते हैं।
गुड़हल के पौधे में खाद दो से तीन महीने के अंतराल में डाल सकते हैं। इससे पौधे को पोषण मिलता रहेगा, पौधे अच्छे फूल देंगे और सूखेंगे भी नहीं। साथ ही आपको ज्यादा खाद भी नहीं देनी है। नहीं तो इससे भी पौधे को नुकसान हो सकता है।