अनार की इस किस्म की खेती से सिर्फ 6 महीने में ही बन जायेंगे करोड़पति, विदेशों में है इतनी डिमांड की बिकता है 200 रुपए का एक अनार

अनार की इस किस्म की खेती से सिर्फ 6 महीने में ही बन जायेंगे करोड़पति, विदेशों में है इतनी डिमांड की बिकता है 200 रुपए का एक अनार अनार की इस किस्म का नाम भगवा इसके रंग के कारण पड़ा यह अनार मुख्य रूप से महाराष्ट्र के कई जिलों में उगाया जाता है लेकिन अब देशभर में व्यापारिक रूप से इसकी खेती बढ़ती जा रही है। जिस कारण लोग इसकी खेती करना पसंद भी कर रहे हैं इससे आमदनी भी काफी ज्यादा होती है जिस कारण ये खेती किसानों की पहली पसंद बनी हुई है भगवा अनार को शेंदरी, अष्टगंधा, मस्तानी, जय महाराष्ट्र और रेड डायना के नाम से भी जाना जाता है। अनार की इस किस्म से किसानों को बहुत ज्यादा फायदा होता है इसलिए हर किसान किसान इसकी खेती करने के बारे में सोचता है।

भगवा अनार है उच्च उत्पादन और मोटी कमाई वाली फसल
भगवा अनार की किस्म उच्च उत्पादन देने में भी कारगर होती है इसकी फसल 170 से 190 दिनों में तैयार हो जाती है यह बहुत ही कम समय और कम लागत में भी बहुत ज्यादा उत्पादन देने में सक्षम होती है इस अनार की किस्म की क्वालिटी भी काफी शानदार होती है जिस कारण लोग इसे खाना और खरीदना बहुत ही ज्यादा पसंद करते है। इसके एक पौधे से 40-50 किलो तक का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है इसके बाहरी परत इतनी मोटी होती है की इसे ट्रांसपोर्ट करने में कोई जोखिम नहीं उठाना पड़ता है।

भगवा अनार की विशेषताएं
इस अनार पर काले धब्बे कम होते हैं जिस कारण इनकी सुंदरता और बढ़ जाती है और इसे बेचने में काफी आसानी होती है।भगवा अनार का फल बड़ा, चमकदार और रंगीन होता है जिस कारण यह बहुत ही ज्यादा आकर्षक दीखते हैं यूके, हॉलेंड, अन्य यूरोपीय देश और खाड़ी देशों में भगवा अनार की काफी ज्यादा मांग होती है। जिससे यहाँ किसानों को इससे बहुत ज्यादा आमदनी मिलती है यहाँ इस अनार को बहुत ही ऊँचे दामों में बेचा जाता है इसके खाया जाने वाले बीज चेरी के लाल रंग की तरह होते हैं इस अनार का स्वाद भी काफी बेहतरीन होता है जिस कारण लोग इसकी काफी डिमांड करते हैं।
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