Budget 2023-24: भारत का अगला बजट कैसा होगा? वित्त मंत्री का बयान

Budget 2023-24: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत का अगला वार्षिक बजट बहुत सावधानी से तैयार करना होगा ताकि देश के विकास की गति बनी रहे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, जो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी में हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत का अगला वार्षिक बजट बहुत सावधानी से तैयार करना होगा ताकि देश के विकास की गति बनी रहे। सीतारमण ने कहा, आने वाले बजट के बारे में कुछ खास बताना जल्दबाजी होगी और मुश्किल भी है, लेकिन मोटे तौर पर कहें तो विकास प्राथमिकताएं सबसे ऊपर रहेंगी. मुद्रास्फीति की चिंताओं से भी निपटना होगा.

जीडीपी दर 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद

PHDCCI (पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) ने कहा कि मौजूदा रुझान को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी दर 6 से 7 फीसदी रह सकती है. उद्योग मंडल के नए अध्यक्ष साकेत डालमिया ने कहा कि उत्पादन में तेजी आई है और देश में इसकी मजबूत मांग है।

RuPay की स्वीकृति के लिए कई देशों से बातचीत

सीतारमण ने कहा कि भारत विभिन्न देशों से रुपे को स्वीकार्य बनाने के लिए बात कर रहा है और सिंगापुर और यूएई अपने देश में रुपे को स्वीकार्य बनाने के लिए आगे आए हैं। इसके अलावा UPI, BHIM App और NCPI पर इस तरह से काम किया जा रहा है कि अपने-अपने देशों के सिस्टम के साथ तालमेल बिठाकर काम करें।

IMF ने की RBI की तारीफ

IMF(अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष) ने भारत में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक नीति को सख्त करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की सराहना की। आईएमएफ के मौद्रिक और पूंजी बाजार विभाग में डिप्टी डिवीजन हेड गार्सिया पास्कल ने कहा, “आरबीआई ने मुद्रास्फीति से निपटने के लिए मौद्रिक नीति को कड़ा करने को उचित ठहराया है जो मई से निर्धारित सीमा से ऊपर बनी हुई है।

सरकार की नीतियों से बना अनुकूल माहौल

सीतारमण ने कहा कि सरकार ऐसे स्टार्टअप्स से बात करने के लिए तैयार है जो देश छोड़ने पर विचार कर रहे हैं और उनके मुद्दों को इस तरह से हल करने की कोशिश करेंगे जिससे उन्हें देश में अपना आधार बनाए रखने में मदद मिले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद स्टार्टअप्स के साथ बातचीत की और सरकार की नीतियों ने एक अनुकूल माहौल बनाया है जिसके परिणामस्वरूप आज भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने उनकी चिंताओं को दूर करने की पूरी कोशिश की है।

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