Banana Agriculture Business: केला एक ऐसा फल है जो साल भर बिकता है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिससे बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। इसमें कैल्शियम, शुगर जैसे कई तत्व पाए जाते हैं, जो इंसानों के लिए बेहद जरूरी होते हैं। इससे तुरंत एनर्जी मिलती है। कई छात्र परीक्षा से पहले भी इसका सेवन करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके सेवन से याददाश्त बढ़ती है। यह शरीर को मजबूत रखने के साथ-साथ दिमाग को भी मजबूत बनाता है। इससे ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। यानी केले को अगर गुणों की खान भी कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. इस केले की खेती करके आप न सिर्फ सेहतमंद रह सकते हैं बल्कि अच्छी खासी कमाई भी कर सकते हैं.
केले की मांग
केले के गुणों के कारण न केवल इसके फल बल्कि इसके पत्ते भी मांग में हैं। कच्चे केले से, पके केले से लोग कई तरह का खाना बनाते हैं। वहीं इनके पत्तों का उपयोग भोजन करने, पूजा में और सजावट के लिए भी किया जाता है।
केले की किस्में
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारे देश में ही केले की 500 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं। जिसमें रोवेस्टा, बत्तीसा, कुठिया, लाल केला, सफेद वेलाची, बसराई, पूवन, न्याली, रास्थली जैसी किस्में प्रमुख मानी जाती हैं। केले की बत्तीसा किस्म सबसे अधिक सब्जी और अन्य खाद्य पदार्थ बनाने के लिए उगाई जाती है। वहीं, झोपड़ी का उपयोग फल और सब्जियों दोनों के रूप में किया जाता है।
केले उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी
यदि आप केले की खेती करना चाहते हैं तो इसके लिए उपजाऊ भूमि बेहतर होगी। केले की खेती के लिए दोमट, उच्च दोमट और गहरी गाद मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का pH मान 6 से 7.5 होना चाहिए। जिस मिट्टी में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा अधिक होती है, वहां केले की खेती से अधिक लाभ होता है। आप कृषि विभाग/किसान कृषि केंद्र से संपर्क कर मिट्टी की जांच करा सकते हैं।
खेत कैसे तैयार करें?
फसल उगाने से पहले सबसे जरूरी काम खेत को तैयार करना होता है। पहले खेतों की सफाई करनी चाहिए। अगर उसमें झाड़ियां, पत्थर या अन्य कचरा हो तो उसे साफ कर लें। फसल से कम से कम एक महीने पहले खेतों की जुताई कर देनी चाहिए। तीन से चार तिरछी जुताई करने के बाद मिट्टी भुरभुरी हो जाएगी। जिसके बाद पैट लगाकर मिट्टी को समतल करें। अंतिम जुताई के समय गाय का गोबर लगाने से फसल की अधिक पैदावार होती है।
कैसे एक गड्ढा बनाने के लिए
केले की फसल लगाने के लिए फरवरी से मार्च का महीना उपयुक्त रहता है। खेत की जुताई करने के बाद अब गड्ढे बनाए जा सकते हैं। इसके लिए करीब डेढ़ मीटर की दूरी पर एक ही कतार में गड्ढे बना लें। अब बीज बोने से पहले उनमें खाद डालें। ध्यान रहे कि गड्ढा करीब एक फुट गहरा और चौड़ा हो। तैयार गड्ढों में खाद डालने के बाद उनकी सिंचाई करें।
कैसे बोयें
गड्ढे बनने के लगभग एक महीने बाद बुवाई कर देनी चाहिए। इसके लिए एक छोटा गड्ढा बनाकर तैयार गड्ढों में बो दें। बीज बोने के एक महीने बाद फसल में नाइट्रोजन उर्वरक डालना आवश्यक है।
अच्छी सिंचाई के साथ अच्छी उपज
बुवाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई की आवश्यकता होती है। इस खेती के लिए अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। लेकिन यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि खेतों में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। जलभराव से जड़ें सड़ जाती हैं। यदि केला बरसात के मौसम में लगाया जाता है, तो शुरुआत में इसे ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। सर्दियों में एक सप्ताह के अंतराल पर सिंचाई करना आवश्यक है, जबकि गर्मी के मौसम में हर चौथे दिन सिंचाई करनी चाहिए।
फसल को नुकसान
खरपतवार और कीटों से फसलों को नुकसान होता है। ऐसे में जब भी खरपतवार दिखे तो तुरंत निराई कर देनी चाहिए। इसके अलावा फल भृंग, प्रकंद भिंडी, केले का रस, थ्रिप्स, नेमाटोड जैसे कीट फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके लिए समय-समय पर दवाओं का छिड़काव करना आवश्यक है। फसल के रोग की बात करें तो सिगाटोका नामक रोग पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है। इसमें पत्ते मुरझा जाते हैं। इसके अलावा एन्थ्रेक्नोज, पनामा रोग, गुच्छों का बनना भी फसल को नुकसान पहुंचाता है।
फसल काटना
रोपण के बाद 11 से 12 महीनों में केले कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। जरूरत के हिसाब से कटाई भी की जाती है। जैसे चिप्स, सब्जियां और केले से बने कुछ खाद्य पदार्थों के लिए कच्चे केले की आवश्यकता होती है। कहीं थोड़े पके तो कहीं अच्छे पके केले की मांग है। यदि फसल को लंबी दूरी पर भेजना है तो उसे लगभग 80 प्रतिशत पकने के बाद ही काटा जाना चाहिए।
केला के फायदे
केला एक ऐसा फल है, जिसे खाने के कई फायदे होते हैं।
1. इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम, थायमिन, आयरन, राइबोफ्लेविन और कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
2. शोध में यह साबित हो चुका है कि केला खाने से मूड अच्छा रहता है। क्योंकि इनमें ट्रिप्टोफैन एमिनो एसिड होता है। जो तनाव दूर करने में कारगर है।
3. इस फल के सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी दूर हो जाती है।
4. एनीमिया के मरीजों के लिए यह वरदान है।
5. यह रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
6. इसमें पाया जाने वाला पोटैशियम दिमाग को स्वस्थ रखता है। इसलिए परीक्षा में जाने से पहले इसे खाना चाहिए।
7. गुर्दे के विकारों को दूर करने के लिए अल्सर, गठिया जैसे रोगों के उपचार में सहायक।
8. इसमें विटामिन बी6 भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जिससे नर्वस सिस्टम मजबूत होता है।
9. व्यायाम करने से पहले भी केले का सेवन अच्छा माना जाता है। इसके अलावा केले के कई फायदे भी होते हैं।
केले का प्रयोग
केले का उपयोग फल के रूप में, चिप्स, पापड़, जैम, जेली, प्यूरी, जूस जैसे खाद्य पदार्थ बनाने में किया जाता है। इसके अलावा केले के रेशे से बर्तन, बैग जैसी चीजें बनाई जाती हैं। केला के कई उपयोग होते हैं और इसे खाने से भी कई फायदे होते हैं। इसलिए यह फल हमेशा मांग में रहता है। जिसकी खेती करके लागत से दोगुना लाभ प्राप्त किया जा सकता है।