Chaitra Navratri: घटस्थापना के सबसे अच्छे 2 मुहूर्त, ऐसे करें कलश स्थापना, जानें चैत्र नवरात्री की पूजा विधि। आज से चैत्र नवरात्री शुरू हुई है। लेकिन अभी स्थापना का समय नहीं हुआ है। तब चलिए जानें कब करनी है पूजा।
चैत्र नवरात्री
आज 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। चैत्र नवरात्रि का धार्मिक तरीके से बहुत महत्व रखती है। चैत्र नवरात्रि के दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है, और 9 दिन लोग मां दुर्गा की पूजा में बिताते हैं। जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा किया करते हैं। इसीलिए शुभ मुहूर्त देखकर ही कलश – घटस्थापना की जाती है। तब चलिए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के घट स्थापना के दो सबसे अच्छे मुहूर्त और कलश की स्थापना कैसे करनी है यह भी हम विस्तार से जानेंगे।
चैत्र नवरात्री के घटस्थापना के 2 मुहूर्त
घट स्थापना के दो से ज्यादा मुहूर्त आज है। जिसमें से दो हम बेस्ट मुहूर्त के बारे में जानकारी ले रहे हैं। तब बता दे की इस चैत्र माह में प्रतिपदा उदया तिथि में आज 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी। जिसमें आज कलश की स्थापना की जाएगी। जिसका एक सबसे अच्छा मुहूर्त है, अभी सुबह 11:57 मिनट से लेकर के दोपहर के 12:48 तक आप घट स्थापना कर सकते हैं।
लेकिन अगर आप इससे जल्दी करना चाहते हैं तो सुबह 6:00 से सुबह 10:16 तक है। लेकिन अगर यह मुहूर्त बीत जाता है तो आप ऊपर वाले मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं। दोनों मुहूर्त बहुत ही अच्छे हैं। आप इन दोनों में घट स्थापना और कलश स्थापना कर सकते हैं। क्योंकि यह मुहूर्त बेहद शुभ है। चलिए जानते हैं कलश स्थापना आप कैसे करें।
ऐसे करें कलश स्थापना
कलश स्थापना के लिए किन चीजों की आवश्यकता होगी, तो बता दे कि इसके लिए पास एक मिट्टी का पात्र होना चाहिए। इसके अलावा तांबे का लोटा, रोली, पानी, गंगाजल, जौ, मिट्टी, लौंग, इलायची, कपूर, सबूत सुपारी, सिक्के, चावल, आम का पत्ता, अगर आम का पत्ता नहीं है तो अशोक का पत्ता भी ले सकते हैं। लाल चुनरी, नारियल, लाल सिंदूर, फूलों की माला। इसके अलावा आप सिंगर का सामान भी ले सकते हैं। बता दे की मां दुर्गा को लाल रंग पसंद है इसलिए आप लाल रंग की चीज ले सकते हैं। उनको आसन पर बैठने के लिए उसकी व्यवस्था भी आपको करनी होगी।
मिली जानकारी के अनुसार बता दे कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि के इस शुभ त्यौहार में भक्तो को घोड़े पर सवार मां से आशीर्वाद मिलेगा। इस तरह आप इन चीजों के साथ कलश की स्थापना कर सकते हैं। जिसके लिए आप सबसे पहले मिट्टी के बर्तन में मिट्टी डालकर जाकर बीज बोएंगे। उसके बाद तवे का लोटा लेकर उसमें रोली से स्वास्तिक बना लेंगे। लोटे के ऊपर आप मौली बांध लेंगे। फिर आप लोटे में पानी भर के उसमें गंगाजल मिला लेंगे। दुर्गा मां का आसान की व्यवस्था करेंगे और बाकी चीज रखकर पूजा आरंभ करेंगे। लेकिन पूजा करने से पहले आपको भगवान श्री गणेश की पूजा करनी है, जैसे की हर शुभ कार्य से पहले की जाती है।