Agriculture Business Ideas: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ अधिकांश जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए देश भर के किसानों को योजनाओं से जोड़ा जाता है, ताकि खर्च का बोझ कम हो और किसानों को अधिक लाभ मिल सके। वैसे तो गांवों से शहरों की ओर बढ़ते पलायन से कृषि बुरी तरह प्रभावित हुई है, लेकिन किसान अपने खेतों और खलिहानों से जुड़े रहकर लाखों का मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो खेती के साथ-साथ कई तरह की कृषि (कृषि) स्टार्टअप शुरू करते हैं. ) या व्यवसाय (कृषि व्यवसाय)।
इस तरह खेती की लागत कम करके किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं और किसान खाली गांव को फिर से बसा सकते हैं। इस पहल से गांव के अन्य लोगों को भी रोजगार मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
वर्मी कम्पोस्ट यूनिट
रसायनों से नष्ट हो रही मिट्टी को बचाने के लिए लगातार जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन जैविक खाद की कमी के कारण कई किसान फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए रसायनों पर निर्भर हैं। गांवों, किसानों और खेतों की इस जरूरत को पूरा करने के लिए वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना की जा सकती है, जिसकी मदद से किसान अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ वर्मी कम्पोस्ट बेचकर आसानी से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारें इस काम के लिए अच्छी दरों पर कर्ज, सब्सिडी और वित्तीय अनुदान भी देती हैं।
गोशाला व्यवसाय
देश की जनसंख्या में वृद्धि के साथ दूध और उससे बने उत्पादों की मांग भी बढ़ रही है, जिसे बड़ी कंपनियां भी पूरा नहीं कर पा रही हैं, इसलिए किसान खेती के दौरान 8 से 10 जानवरों के साथ डेयरी फार्म कर सकते हैं। (डेयरी फार्म बिजनेस) शुरू किया जा सकता है। इससे पशुओं से प्राप्त दूध को बाजार में ऊंचे दामों पर बेचा जाएगा और अच्छी आमदनी होगी। इसके अलावा गोबर का उपयोग खेतों में जैविक खाद के रूप में किया जाएगा और खेतों से ही पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जा सकेगी। इस तरह किसान कम लागत में डेयरी फार्म व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं।
बेकरी और चक्की व्यवसाय
गांव के पास के कस्बों और बड़े शहरों में बेकरी उत्पादों से लेकर अनाज और उनके आटे तक की काफी मांग रहती है। मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं के कारण यह व्यवसाय कभी विफल नहीं होगा, बल्कि वर्षों से लेकर वर्षों तक लाखों का मुनाफा दे सकता है। खासकर आज के समय में लोग सेहत की दृष्टि से जैविक और शुद्ध उत्पादों की मांग करते हैं। ऐसे में पौष्टिक अनाज, दाल और उनकी आटा बनाने की इकाई के साथ बेकरी का कारोबार करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है। इसके लिए सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत वित्तीय सहायता भी ली जा सकती है।