ऊंट को खिलाया जाता है जिंदा कोबरा, देखकर आपकी भी कांप जाएगी रूह, जानिए इसके पीछे की वजह का क्या है खास कारण आइये आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह।
रेगिस्तान की शान होता है ऊंट
ऊंट को रेगिस्तान की शान माना जाता है। ऊंट कई दिनों तक बिना पानी के रह सकता है। यह तपती धूप में भी बहुत ज्यादा गर्म टीलों पर आसानी से चल सकता है। इसीलिए कई लोग इस रेगिस्तान का जहाज भी का कहते हैं। ऊंट का प्रयोग वहां पर कई सारे कामों में किया जाता है। यदि वहां पर ऊंट ना हो तो लोगों के कई सारे काम रुक जाते हैं। ऊंट के पैर गद्देदार होते हैं जिससे उसे रेत में चलने में थोड़ी सहायता मिलती है। ऊंट कई दिनों तक बिना पानी और खाने के रह सकता है। जिस कारण उसे रेगिस्तान में बहुत ही महत्वपूर्ण जीव माना जाता है, लेकिन एक ऐसी वजह है जिसको सुनकर आपका भी पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। रेगिस्तान में ऊंट को जहरीला कोबरा खिलाया जाता है। इसके पीछे एक बहुत ही रहस्यमय वजह है। जिस कारण हर ऊंट को वहां पर जहरीले कोबरे का सेवन अवश्य ही कराया जाता है। जानिए आखिर ऐसी कौन सी बात है जिससे ऊंट को कराया जाता है जहरीले कोबरे का सेवन।
कोबरा जैसे जेहरीले सांप को कर जाता है सफाचट
रेगिस्तान का ऊंट जहरीले कोबरे को भी सफाचट कर जाता है। आखिर ऐसा क्यों किया जाता है। इसके पीछे एक बहुत ही खास वजह होती है। कभी भी किसी भी जीव को किसी अन्य जीव का सेवन करने के पीछे बहुत सारे रहस्य भरे कारण होते हैं। वहां भी एक ऐसा ही कारण है जिसकी वजह से वहां के ऊंटों को किंग कोबरा का सेवन करना बहुत ही ज्यादा आवश्यक माना जाता है। आपको यह जानकर बहुत हैरानी तो होगी के जहरीले किंग कोबरा के जहर का जरा भी असर ऊंट पर नहीं होता। लेकिन आपको यह जानकर भी बहुत हैरानी होगी कि आखिर किस वजह के कारण ऊंट को इस पीड़ा को सहना पड़ता है।
जानिए किस वजह से खिलाया जाता है ऊंट को कोबरा
जहां किंग कोबरा का नाम सुनकर ही लोग कांप उठते हैं वहीं इस रेगिस्तान में पाए जाने वाले जीव को जिंदा किंग कोबरा का सेवन कराया जाता है। माना जाता है कि राजस्थान में ऊंट को किंग कोबरा खिलाना वह बेहद ही आवश्यक होता है। हालांकि इसके पीछे एक बहुत बड़ी वजह है। ऊंट को एक खतरनाक बीमारी हो जाती है जिससे बचाने के लिए उसे जिंदा किंग कोबरा का सेवन कराया जाता है। दरअसल ऊंटों को हयाम नामक एक बीमारी हो जाती है जिससे ऊंट की मौत जल्दी होने लगती है और ऊंट ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रह पाते। इसीलिए इस हयाम नाम की जानलेवा बीमारी का ट्रीटमेंट करने के लिए ऊंट के मुंह में सीधे कोबरा को डाला जाता है। इसके ट्रीटमेंट के लिए जैसे ही ऊंट मुंह खोलता है तो सीधा जहरीला सांप उसके मुंह में डाल दिया जाता है। उसके बाद उसके मुंह में पानी डाल दिया जाता है जिससे कि सांप तुरंत ही उसके अंदर चला जाए। इस तरह का ट्रीटमेंट करके वहां के ऊंटों को जल्दी मौत के घाट उतारने से बचाया जाता है।