बूझो तो जाने- एक लाठी की सुनो कहानी, भरा इसमें मीठा पानी।
बूझो तो जाने- आज आपके लिए कुछ ऐसी पहेलियाँ लाए है जो की आपको इन पहेलियाँ को सॉल्व करने में आपको बहुत ही मज़ा आने वाला है ये कुछ ऐसी पहेली है जो अपनी नानी -दादी पूछा करती थी। आपको उलझने के लिए उमा फुरा कर इन पहेलियों को पूछा जाता है। चलिए आज जो पहेली आपके लिए लाए है तो उनको हल कर के दिखाओ।
1 -आपस की उलझन सुलझाकर अगल अलग जो बांटता। दांत नहीं वह काटता।
उत्तर-कंघी
2-चार कोनों का नगर बना चार कुंए बिन पानी चोर 18 उसमें बैठ लिए, एक रानी, आया एक दरोगा सबको पीट-पीट कर कुंए में डाला बताओ मैं कौन?
उत्तर -कैरम बोर्ड
3-इसके पैरों में जंजीर होती है; किन्तु यह फिर भी दौड़ती है। यह पगडंडी पर झूमकर चलती है और गाँवों में पहुँचा देती है।
उत्तर -साइकिल
4 -यदि मुझे नीचे पटकते हो, तो मैं ऊपर जाती हूँ और फिर ऊपर से नीचे आती हूँ। इस प्रकार मैं ऊपर-नीचे आती-जाती रहती हूँ। जितना चाहो, मुझसे खेल सकते हो।
उत्तर -गेंद
5- एक पैर है काली धोती जाड़े में वह हरदम सोती गर्मी में है छाया देती सावन में वह हरदम रोती।
उत्तर -छतरी
6-गोल हूं पर गेंद नहीं पूंछ है पर पशु नहीं पूंछ पकड़कर खेलें बच्चे फिर भी मेरे आंसू न निकलते।
उत्तर – गुब्बारा
7- मैं टिक टिक टिक टिक चलती हूँ। मैं सबको समय बताती हूँ। जो अपना काम समय से करता है, वही मेरा नाम बताएगा।
उत्तर –घड़ी
8- पत्ते के अंदर है बंद स्वादिष्ट जैसे कलाकंद बाजार हो या मेला खाया जाता है अकेला।
उत्तर – केला
9-वह कौन है, जो गूंगा ,बहरा और अंधा है, लेकिन हमेशा सच बोलता है।
उत्तर – आईना
10-ऐसी कौन सी चीज है, जिसे लडकियाँ पहनती भी हैं और खाती भी हैं?
उत्तर – लौंग